यूपीआई के नए नियम 1 जून 2025 से लागू: आम आदमी पर पड़ेगा सीधा असर

न्यूज डेस्क: नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) ने यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) के लिए नए नियमों की घोषणा की है, जो 1 जून 2025 से लागू होंगे। इन नियमों का उद्देश्य डिजिटल भुगतान को और सुरक्षित, पारदर्शी और उपयोगकर्ता-अनुकूल बनाना है। ये बदलाव यूपीआई यूजर्स, विशेष रूप से आम आदमी, छोटे व्यापारियों और फिनटेक कंपनियों पर सीधा प्रभाव डालेंगे।

प्रमुख बदलाव

अंतिम लाभार्थी का नाम प्रदर्शन: एनपीसीआई के सर्कुलर के अनुसार, 30 जून 2025 तक सभी यूपीआई ऐप्स को लेनदेन के दौरान और ट्रांजेक्शन हिस्ट्री में बैंक द्वारा सत्यापित अंतिम लाभार्थी (Ultimate Beneficiary) का नाम प्रदर्शित करना अनिवार्य होगा। इससे उपयोगकर्ताओं को यह सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी कि वे सही व्यक्ति को भुगतान कर रहे हैं, जिससे धोखाधड़ी की संभावना कम होगी।

निष्क्रिय मोबाइल नंबरों होंगे रद्द: यदि आपका यूपीआई से जुड़ा मोबाइल नंबर लंबे समय से उपयोग में नहीं है, तो उसे बैंक रिकॉर्ड से हटाया जाएगा। उपयोगकर्ताओं को अपने सक्रिय मोबाइल नंबर को बैंक के साथ अपडेट करना होगा, अन्यथा यूपीआई सेवाएं निलंबित हो सकती हैं। यह नियम रिसाइकिल्ड नंबरों से होने वाली गलतियों और धोखाधड़ी को रोकने के लिए है।

लेनदेन सीमा और शुल्क: यूपीआई 123Pay की प्रति लेनदेन सीमा 5,000 रुपये से बढ़ाकर 10,000 रुपये कर दी गई है। साथ ही, कुछ व्यापारिक लेनदेन (मर्चेंट ट्रांजेक्शन) पर 0.5% से 1.1% तक इंटरचेंज शुल्क लागू हो सकता है, जो व्यापारियों को भुगतान करना होगा। हालांकि, व्यक्तिगत (P2P) लेनदेन पर कोई शुल्क नहीं होगा।सुरक्षा में वृद्धि: दो-कारक प्रमाणीकरण (2FA) अब अनिवार्य होगा, और ट्रांजेक्शन क्रेडिट कन्फर्मेशन (TCC) सिस्टम के जरिए चार्जबैक प्रक्रिया को स्वचालित किया जाएगा। इससे लेनदेन की गति और सटीकता बढ़ेगी।

आम आदमी पर प्रभाव

ये नियम उपयोगकर्ताओं के लिए भुगतान को सुरक्षित और पारदर्शी बनाएंगे, लेकिन निष्क्रिय नंबरों को अपडेट न करने पर यूपीआई सेवाएं रुक सकती हैं। व्यापारियों को अतिरिक्त शुल्क का बोझ उठाना पड़ सकता है, जिसका असर कीमतों पर पड़ सकता है। उपयोगकर्ताओं को सलाह दी जाती है कि वे अपने बैंक में सही मोबाइल नंबर और केवाईसी अपडेट करें। एनपीसीआई के ये नए नियम डिजिटल भुगतान को और मजबूत करने की दिशा में एक कदम हैं। उपयोगकर्ताओं को समय रहते अपने विवरण अपडेट करने चाहिए ताकि उनकी यूपीआई सेवाएं निर्बाध रहें।

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