न्यूज डेस्क: मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शुक्रवार को भोपाल में आयोजित राज्य स्तरीय गौशाला सम्मेलन में घोषणा की कि मध्यप्रदेश को देश की डेयरी कैपिटल बनाया जाएगा। इस अवसर पर उन्होंने पशुपालन एवं डेयरी विभाग का नाम बदलकर पशुपालन, डेयरी और गौपालन विभाग करने की भी घोषणा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि गौपालन और डेयरी क्षेत्र को बढ़ावा देकर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूत किया जाएगा और ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे।
मुख्यमंत्री निवास पर आयोजित इस सम्मेलन में सीएम ने गौशालाओं के विकास और संचालन के लिए 90 करोड़ रुपये की अनुदान राशि सिंगल क्लिक के माध्यम से हस्तांतरित की। यह राशि प्रदेश भर की गौशालाओं को सशक्त बनाने और पशुपालन को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। इसके साथ ही, मुख्यमंत्री ने भीमराव अंबेडकर कामधेनु योजना के तहत तीन हितग्राहियों को प्रतीक स्वरूप ऋण स्वीकृति आदेश भी प्रदान किए। यह योजना पशुपालकों को आर्थिक सहायता प्रदान कर डेयरी क्षेत्र में उनकी भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए शुरू की गई है।
डॉ. यादव ने कहा कि गौशालाएं केवल पशु संरक्षण का केंद्र नहीं, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था का आधार भी हैं। उन्होंने गौमाता के संरक्षण और संवर्धन को सरकार की प्राथमिकता बताते हुए कहा कि गौशालाओं को आधुनिक सुविधाओं से जोड़ा जाएगा। साथ ही, डेयरी उत्पादों के विपणन और प्रसंस्करण के लिए नए केंद्र स्थापित किए जाएंगे, ताकि किसानों और पशुपालकों को बेहतर आय प्राप्त हो।
इस अवसर पर पशुपालन, डेयरी और गौपालन विभाग के अधिकारियों ने गौशालाओं के विकास और डेयरी क्षेत्र में नवाचारों के लिए प्रस्तावित योजनाओं की जानकारी दी। सम्मेलन में गौशाला संचालकों, पशुपालकों और संबंधित विभाग के अधिकारियों ने हिस्सेदारी की। मुख्यमंत्री ने सभी से एकजुट होकर मध्यप्रदेश को डेयरी क्षेत्र में अग्रणी बनाने का संकल्प लेने का आह्वान किया।यह कदम न केवल मध्यप्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक समृद्धि लाएगा, बल्कि गौसंरक्षण और डेयरी उद्योग को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा।