न्यूज डेस्क: छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 12 जून 2025 को अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई करते हुए सुकमा जिले में कांग्रेस पार्टी के कार्यालय भवन को अटैच कर दिया। यह देश में पहली बार है जब किसी राजनीतिक दल के कार्यालय को ईडी ने जब्त किया है। इसके साथ ही, घोटाले में मुख्य आरोपी, पूर्व आबकारी मंत्री और कांग्रेस विधायक कवासी लखमा की संपत्ति और उनके बेटे हरीश लखमा की 6 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति भी अटैच की गई है। यह कार्रवाई 2,161 करोड़ रुपये के कथित शराब घोटाले की जांच के तहत हुई, जो 2019-2022 के दौरान भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में हुआ था।
ईडी के अनुसार, कवासी लखमा ने आबकारी मंत्री के रूप में अपने पद का दुरुपयोग करते हुए शराब माफिया से हर महीने 2 करोड़ रुपये की रिश्वत ली। जांच में पाया गया कि इस अवैध धन का उपयोग सुकमा में कांग्रेस भवन और हरीश लखमा के घर के निर्माण में किया गया। डिजिटल साक्ष्य और सह-आरोपियों के बयानों से पता चला कि लखमा ने 36 महीनों में 72 करोड़ रुपये की अवैध कमाई की। यह घोटाला, जिसमें नकली होलोग्राम और गैर-कानूनी शराब बिक्री शामिल थी, ने राज्य के खजाने को भारी नुकसान पहुंचाया।
कांग्रेस पार्टी इस कार्रवाई को राजनीतिक प्रतिशोध बता रही है, लेकिन ईडी के सबूतों ने पार्टी की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इसे बीजेपी की साजिश करार दिया, मगर जांच में सामने आए तथ्य कांग्रेस के भ्रष्टाचार को उजागर करते हैं। यह कार्रवाई न केवल कवासी लखमा, बल्कि कांग्रेस की छवि को गहरा धक्का दे रही है, खासकर आदिवासी-बहुल बस्तर क्षेत्र में। स्थानीय लोग अब सवाल उठा रहे हैं कि क्या कांग्रेस वास्तव में जनता के हित में काम करती है या केवल सत्ता के लिए भ्रष्टाचार को बढ़ावा देती है।