न्यूज डेस्क: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज कांकेर जिले के ग्राम कराठी में गोंडवाना समाज द्वारा आयोजित दो दिवसीय बुढ़ालपेन करसाड़ एवं मांदरी महोत्सव 2025 के समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में हिस्सा लिया। इस दौरान उन्होंने मीडिया से चर्चा में युक्तियुक्तकरण नीति और शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर महत्वपूर्ण बयान दिया। साथ ही, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर निशाना साधते हुए शिक्षा व्यवस्था की खामियों का जिम्मेदार उन्हें ठहराया।
मुख्यमंत्री साय ने कहा, “युक्तियुक्तकरण से कोई परेशानी नहीं है। यह बच्चों के हित में है। प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था में असंतुलन था, जैसे 300 स्कूल शिक्षक-विहीन हैं और 5000 स्कूलों में केवल एक शिक्षक है। कई स्कूलों में बच्चों से ज्यादा शिक्षक हैं। इस असमानता को दूर करने के लिए युक्तियुक्तकरण लागू किया गया है, जिससे शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा।” उन्होंने जोर देकर कहा कि यह नीति बच्चों की पढ़ाई में आ रही दिक्कतों को दूर करने का एक प्रयास है।
सीएम साय ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर तंज कसते हुए कहा, “यह स्थिति उनके कार्यकाल की देन है। अगर उन्होंने पांच साल के शासन में शिक्षकों के स्थानांतरण पर ध्यान दिया होता, तो आज यह असंतुलन नहीं होता।” साय ने स्पष्ट किया कि उनकी सरकार शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है।इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने महोत्सव में आदिवासी संस्कृति की महत्ता पर जोर दिया और बूढ़ादेव की पूजा कर प्रदेश की समृद्धि की कामना की। उन्होंने ग्रामीणों से संवाद किया और उनकी समस्याओं के समाधान का भरोसा दिलाया। इस अवसर पर कांकेर के विधायक आशा राम नेताम, जिला पंचायत अध्यक्ष किरण नूरेटी, और अन्य अधिकारी मौजूद थे।
महोत्सव में सीएम ने विभिन्न विकास कार्यों की घोषणा भी की, जिसमें मांदरी हाई स्कूल के लिए 20 लाख रुपये और आंगनबाड़ी केंद्र के लिए 5 लाख रुपये की स्वीकृति शामिल है।यह आयोजन न केवल सांस्कृतिक विरासत को सहेजने का मंच रहा, बल्कि मुख्यमंत्री के बयानों ने शिक्षा सुधार और राजनीतिक जवाबदेही पर भी चर्चा को गति दी।