ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत का रक्षा बजट में 50,000 करोड़ रुपये की वृद्धि की योजना, जाने…

न्यूज डेस्क: भारत सरकार, हाल ही में सफलतापूर्वक संपन्न हुए ऑपरेशन सिंदूर के बाद अपनी रक्षा तैयारियों को और मजबूत करने के लिए रक्षा बजट में 50,000 करोड़ रुपये की वृद्धि पर विचार कर रही है। सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार, यह अतिरिक्त आवंटन संसद के शीतकालीन सत्र में पूरक बजट के माध्यम से प्रस्तुत किया जा सकता है। इस कदम का उद्देश्य सेना की तत्काल जरूरतों को पूरा करना, आधुनिक हथियारों की खरीद, गोला-बारूद का भंडारण और स्वदेशी रक्षा प्रौद्योगिकी में अनुसंधान व विकास को बढ़ावा देना है।

ऑपरेशन सिंदूर, जो 7 मई को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 26 लोगों की जान लेने वाले आतंकी हमले के जवाब में शुरू किया गया था, ने भारत की सैन्य क्षमता और स्वदेशी तकनीक की ताकत को दुनिया के सामने प्रदर्शित किया। इस ऑपरेशन में भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया, जिसमें स्वदेशी अकाश मिसाइल सिस्टम, ब्रह्मोस मिसाइल और ड्रोन युद्ध प्रणालियों का प्रभावी उपयोग किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 12 मई को अपने संबोधन में इस ऑपरेशन की सराहना करते हुए कहा कि यह भारत के आत्मनिर्भर रक्षा तंत्र का प्रमाण है।

2025-26 के केंद्रीय बजट में रक्षा क्षेत्र के लिए पहले ही रिकॉर्ड 6.81 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे, जो कुल बजट का 13.45% है। प्रस्तावित 50,000 करोड़ रुपये की वृद्धि के साथ, कुल रक्षा बजट 7 लाख करोड़ रुपये को पार कर सकता है। यह वृद्धि न केवल सैन्य आधुनिकीकरण को गति देगी, बल्कि रक्षा निर्यात को बढ़ाने और आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को साकार करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। रक्षा मंत्रालय के अनुसार, भारत का रक्षा निर्यात 2013-14 में 686 करोड़ रुपये से बढ़कर 2024-25 में 23,622 करोड़ रुपये हो गया है।

यह कदम भारत की रणनीतिक ताकत को और सुदृढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है, खासकर तब जब क्षेत्रीय तनाव और सीमा पर चुनौतियां बढ़ रही हैं।

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