7 मई को देश के 244 जिलों में मॉक ड्रिल, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ भी शामिल

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 7 मई को देश के 244 जिलों में नागरिक सुरक्षा (सिविल डिफेंस) मॉक ड्रिल आयोजित करने का आदेश दिया है। यह 1971 के भारत-पाक युद्ध के बाद पहला इतना बड़ा नागरिक सुरक्षा अभ्यास है, जिसका उद्देश्य युद्ध, आतंकी हमले या प्राकृतिक आपदा जैसी आपात स्थितियों में नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और प्रशासन की तैयारियों को परखना है।

इस मॉक ड्रिल में हवाई हमले की चेतावनी देने वाले सायरन का परीक्षण, ब्लैकआउट प्रोटोकॉल, महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों का छलावरण और निकासी योजनाओं का अभ्यास शामिल होगा। मध्यप्रदेश के भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर और सिहोर, छत्तीसगढ़ के दुर्ग (भिलाई), और बिहार के बरौनी, कटिहार, पटना, पूर्णिया और बेगूसराय इस अभ्यास में शामिल हैं। इसके अलावा, सीमावर्ती राज्यों जैसे जम्मू-कश्मीर (अनंतनाग, जम्मू, श्रीनगर), पंजाब, राजस्थान, गुजरात और उत्तर प्रदेश के 19 जिले, जिनमें लखनऊ, कानपुर, वाराणसी और आगरा शामिल हैं, विशेष रूप से इस ड्रिल का हिस्सा होंगे।

गृह मंत्रालय ने राज्यों को निर्देश दिए हैं कि वे ग्रामीण स्तर तक यह अभ्यास आयोजित करें, जिसमें सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स, होम गार्ड, एनसीसी, एनएसएस और स्कूल-कॉलेज के छात्र हिस्सा लेंगे। दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और चेन्नई जैसे महानगरों में भी विशेष तैयारियां की गई हैं। नागरिकों से अपील की गई है कि वे सायरन सुनकर घबराएं नहीं और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें।

गृह सचिव गोविंद मोहन ने मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सभी राज्यों के मुख्य सचिवों और सिविल डिफेंस प्रमुखों के साथ तैयारियों की समीक्षा की। यह ड्रिल न केवल सुरक्षा तंत्र को मजबूत करेगी, बल्कि नागरिकों में आपात स्थिति के प्रति जागरूकता भी बढ़ाएगी।

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