ऑपरेशन सिंदूर: आतंकवाद पर भारत का करारा प्रहार

भारतीय सशस्त्र बलों ने मंगलवार-बुधवार की रात ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाक अधिकृत जम्मू-कश्मीर (पीओके) में आतंकवादियों के नौ ठिकानों पर सटीक हमले किए। यह कार्रवाई 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जवाब थी, जिसमें 26 लोग, जिनमें 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक शामिल थे, मारे गए थे। भारत ने इसे आतंकवाद के खिलाफ सख्त और संयमित कदम बताया, जिसमें पाकिस्तानी सेना की किसी सुविधा को निशाना नहीं बनाया गया।

विदेश सचिव विक्रम मिस्री, कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने नई दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि सेना, वायुसेना और नौसेना ने मिलकर यह ऑपरेशन किया। इसमें जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन के ठिकानों को नष्ट किया गया। हमलों में 80 से ज्यादा आतंकवादी मारे गए, जिनमें जैश प्रमुख मसूद अजहर की बहन और उनके परिवार के 10 सदस्य शामिल थे। ऑपरेशन रात 1:05 से 1:30 बजे के बीच 25 मिनट तक चला।

ऑपरेशन सिंदूर’ का नाम पहलगाम हमले में मारे गए नवविवाहित जोड़ों, खासकर नौसेना के लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की याद में रखा गया, जो सिंदूर के प्रतीक से प्रेरित है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रातभर ऑपरेशन पर नजर रखी और इसे ‘न्याय का प्रतीक’ बताया। गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “भारत आतंकवाद को कभी बर्दाश्त नहीं करेगा। हमारी सेना ने साहस और शक्ति दिखाई।”

पाकिस्तान ने दावा किया कि हमलों में आठ नागरिक मारे गए और दो भारतीय विमान व एक ड्रोन नष्ट किए गए, जिसे भारत ने खारिज कर दिया। जवाब में, पाकिस्तानी सेना ने पुंछ और राजौरी में नियंत्रण रेखा पर गोलीबारी की, जिसमें तीन भारतीय नागरिकों की मौत हुई। भारत ने इसका जवाब दिया और कहा कि वह संयमित तरीके से जवाब दे रहा है।

इस कार्रवाई के बाद उत्तरी भारत के कई हवाई अड्डे बंद कर दिए गए, और दिल्ली सहित कई शहरों में सुरक्षा बढ़ा दी गई। संयुक्त राष्ट्र और कई देशों ने दोनों देशों से शांति बनाए रखने की अपील की। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा, “दुनिया को आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होना होगा।” यह ऑपरेशन भारत की आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति को दर्शाता है, लेकिन क्षेत्र में तनाव बढ़ने की आशंका भी बनी हुई है।

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