केंद्रीय कृषि मंत्री और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जातीय जनगणना के मुद्दे पर कांग्रेस और इसके नेता राहुल गांधी पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कांग्रेस पर झूठ बोलने और भ्रम फैलाने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह पार्टी का “DNA” है। चौहान ने यह बयान केंद्र सरकार के जातिगत जनगणना कराने के फैसले के बाद दिया, जिसे उन्होंने सामाजिक न्याय और विकास के लिए ऐतिहासिक कदम बताया।
चौहान ने भोपाल में पत्रकारों से बातचीत में कहा, “कांग्रेस वर्षों तक सत्ता में रही, लेकिन उसने कभी जातिगत जनगणना नहीं कराई। पंडित जवाहरलाल नेहरू ने तो 1961 में मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर जाति आधारित आरक्षण का विरोध किया था। यह रिकॉर्ड में है। फिर इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और मनमोहन सिंह के कार्यकाल में भी यह मुद्दा ठंडे बस्ते में रहा।” उन्होंने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा, “राहुल जी अब ढोंग कर रहे हैं। सत्ता में रहते कुछ करते नहीं, विपक्ष में आने पर मांग उठाते हैं।”
चौहान ने स्पष्ट किया कि मोदी सरकार ने यह निर्णय सोच-समझकर लिया है। उन्होंने कहा, “जातिगत जनगणना समाज के सभी वर्गों के कल्याण के लिए आवश्यक है। यह वैज्ञानिक और पारदर्शी तरीके से होगी, ताकि योजनाओं के लिए सटीक आंकड़े उपलब्ध हों।” उन्होंने कांग्रेस पर समाज को बांटने का भी आरोप लगाया और कहा कि भाजपा का मंत्र “सबका साथ, सबका विकास” है।
कांग्रेस ने जवाब में कहा कि वह लंबे समय से जातिगत जनगणना की मांग करती रही है और इसे उनकी राजनीतिक जीत बताया। वहीं, चौहान ने इसे खारिज करते हुए कहा कि कांग्रेस केवल श्रेय लेने की होड़ में है।
यह विवाद तब और गहरा गया, जब राहुल गांधी ने सरकार पर दबाव बनाने का दावा किया। चौहान ने पलटवार करते हुए कहा, “राहुल जी को संविधान समझने के लिए ट्यूशन लेना चाहिए।” यह मुद्दा आगामी बिहार विधानसभा चुनावों में भी चर्चा का केंद्र बन सकता है।