न्यूज डेस्क: मध्यप्रदेश की सियासत में एक बार फिर हलचल मच गई है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और शिवपुरी जिले की कोलारस विधानसभा से पूर्व विधायक वीरेंद्र रघुवंशी ने 16 जून 2025 को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी को लिखे पत्र में स्वास्थ्य खराब होने का हवाला देते हुए यह फैसला लिया। रघुवंशी ने इस्तीफे की जानकारी सोशल मीडिया पर साझा की, लेकिन कुछ घंटों बाद पोस्ट हटा ली, जिससे सियासी अटकलों को और बल मिला।
रघुवंशी का यह कदम कांग्रेस के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है, क्योंकि वे कोलारस में प्रभावशाली नेता हैं। उनके इस्तीफे की घोषणा के बाद कांग्रेस नेतृत्व सक्रिय हो गया और उन्हें मनाने की कोशिश शुरू कर दी। सूत्रों के मुताबिक, वरिष्ठ नेताओं ने रघुवंशी से फोन पर बात की, जिसके बाद उन्होंने सोशल मीडिया से इस्तीफा पत्र हटाया। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि वे पार्टी में बने रहेंगे या नहीं।
राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि इस्तीफे का कारण सिर्फ स्वास्थ्य नहीं, बल्कि पार्टी की आंतरिक गुटबाजी और नाराजगी भी हो सकती है। हाल ही में मुरैना में एक कांग्रेस कार्यक्रम के दौरान रघुवंशी की विधायक पंकज उपाध्याय और अन्य नेताओं से तीखी बहस हुई थी। इसके अलावा, शिवपुरी जिला अध्यक्ष पद की दौड़ से बाहर होने के बाद उनकी नाराजगी बढ़ गई थी।
रघुवंशी का राजनीतिक सफर उतार-चढ़ाव भरा रहा है। वे पहले कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में गए थे और 2023 में फिर कांग्रेस में लौटे। ज्योतिरादित्य सिंधिया के विरोधी माने जाने वाले रघुवंशी के इस कदम से कांग्रेस की चुनौतियां बढ़ सकती हैं, खासकर जब पार्टी संगठन को मजबूत करने में जुटी है। उनका अगला कदम क्या होगा, इस पर सबकी नजरें टिकी हैं।