न्यूज डेस्क: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने निवेशकों को लुभाने के लिए राज्य के दरवाजे खोल दिए हैं। एक हालिया कार्यक्रम में उन्होंने निवेशकों को आकर्षित करते हुए कहा, “मध्य प्रदेश में जो एक बार आता है, वह वापस नहीं जाता।” यह बयान न केवल राज्य की औद्योगिक और निवेश-अनुकूल नीतियों को दर्शाता है, बल्कि CM यादव की उस महत्वाकांक्षी सोच को भी उजागर करता है, जो मध्य प्रदेश को देश का प्रमुख निवेश केंद्र बनाने की दिशा में अग्रसर है।
निवेश के लिए अनुकूल माहौल
मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्य प्रदेश में निवेश के लिए सभी जरूरी सुविधाएं और संसाधन मौजूद हैं। प्रचुर मात्रा में उपलब्ध जमीन, सस्ती बिजली, बेहतर कनेक्टिविटी और कुशल मानव संसाधन राज्य को निवेशकों के लिए पहली पसंद बनाते हैं। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए कई नीतियां लागू की हैं, जिनमें सिंगल-विंडो क्लीयरेंस सिस्टम, ’30 दिनों में व्यवसाय शुरू करें’ योजना और उद्यमियों के लिए विभिन्न सब्सिडी और टैक्स छूट शामिल हैं।
ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2025 की तैयारियां जोरों पर
CM यादव ने भोपाल में 24-25 फरवरी 2025 को होने वाले ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (GIS-2025) का जिकर करते हुए कहा कि यह आयोजन मध्य प्रदेश की औद्योगिक क्षमता को वैश्विक मंच पर प्रदर्शित करेगा। इस समिट में 40 से अधिक देशों के प्रतिनिधि, 20,000 से ज्यादा निवेशक और उद्योगपति हिस्सा लेंगे। समिट में शहरी विकास, सूचना प्रौद्योगिकी, नवीकरणीय ऊर्जा और पर्यटन जैसे क्षेत्रों पर विशेष सत्र आयोजित होंगे।
क्षेत्रीय उद्योग सम्मेलनों का शानदार प्रदर्शन
मध्य प्रदेश सरकार ने निवेश को बढ़ावा देने के लिए राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में क्षेत्रीय उद्योग सम्मेलन (RIC) आयोजित किए हैं। उज्जैन, जबलपुर, ग्वालियर, सागर और रीवा में हुए इन सम्मेलनों में अब तक 2.45 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हो चुके हैं, जो 3.71 लाख रोजगार के अवसर पैदा करेंगे। जबलपुर सम्मेलन में 17,000 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव और रीवा में 31,000 करोड़ रुपये के प्रस्ताव इसकी सफलता के प्रमाण हैं।
वैश्विक स्तर पर मध्य प्रदेश की पहचान
CM यादव ने हाल ही में जापान, यूके और जर्मनी की यात्राएं कीं, जहां उन्होंने टोयोटा, पैनासोनिक एनर्जी और अन्य प्रमुख कंपनियों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की। उन्होंने जापान में टोयोटा के अधिकारियों को मध्य प्रदेश के ऑटोमोटिव हब के रूप में उभरने की क्षमता और 1 लाख एकड़ से अधिक औद्योगिक भूमि की उपलब्धता के बारे में बताया। साथ ही, उन्होंने पैनासोनिक एनर्जी को उन्नत बैटरी निर्माण के लिए निवेश का न्योता दिया।
उद्योगों के लिए मध्य प्रदेश की ताकत
मध्य प्रदेश ऑटोमोटिव, टेक्सटाइल, नवीकरणीय ऊर्जा, पर्यटन और खनन जैसे क्षेत्रों में निवेश के लिए आदर्श स्थान है। राज्य में 2,800 से अधिक इंजीनियरिंग निर्माता, 30+ OEM और 200+ ऑटो कंपोनेंट निर्माता मौजूद हैं। यह देश का दूसरा सबसे बड़ा बस और ट्रैक्टर निर्माता और तीसरा सबसे बड़ा वाणिज्यिक वाहन उत्पादक है। इसके अलावा, 5 लाख किलोमीटर का सड़क नेटवर्क, 46 राष्ट्रीय राजमार्ग, 20 प्रमुख रेलवे जंक्शन और छह सक्रिय हवाई अड्डे राज्य की कनेक्टिविटी को और मजबूत करते हैं।
निवेशकों का भरोसा बढ़ा
CM यादव ने कहा कि मध्य प्रदेश की शांतिपूर्ण कानून-व्यवस्था और श्रमिकों के लिए अनुकूल माहौल निवेशकों को आकर्षित करता है। पिछले चार दशकों में राज्य में श्रमिक समस्याओं का कोई बड़ा मामला सामने नहीं आया है। बेंगलुरु में हाल ही में आयोजित निवेश सत्र में 8,000 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव और 19,000 से अधिक रोजगार के अवसरों का सृजन इस बात का प्रमाण है कि निवेशक मध्य प्रदेश पर भरोसा कर रहे हैं।
मध्य प्रदेश का भविष्य
मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्य प्रदेश न केवल भारत की अर्थव्यवस्था में योगदान दे रहा है, बल्कि यह देश को तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। GIS-2025 के दौरान 30.77 लाख करोड़ रुपये के निवेश समझौतों ने राज्य को औद्योगिक शक्ति के रूप में स्थापित कर दिया है।
CM मोहन यादव का यह बयान कि “जो एक बार मध्य प्रदेश आता है, वह वापस नहीं जाता,” निवेशकों के लिए एक खुला निमंत्रण है। मध्य प्रदेश अब केवल प्राकृतिक सौंदर्य और सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक नहीं, बल्कि एक ऐसा राज्य है जो वैश्विक निवेशकों के लिए अवसरों का खजाना बन चुका है।