न्यूज डेस्क: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने गुरुवार को मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर (एमसीबी) जिले के आदिवासी बाहुल्य माथमौर गांव का औचक निरीक्षण किया। इस दौरे के दौरान उन्होंने 10वीं और 12वीं कक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्रों से मुलाकात की, जिनमें विशेष पिछड़ी बैगा जनजाति के कई बच्चे शामिल थे। बैगा समुदाय, जिसे राष्ट्रपति का दत्तक पुत्र कहा जाता है, में शिक्षा के प्रति बढ़ती जागरूकता को देखकर सीएम ने खुशी जताई।
माथमौर गांव में सीएम साय का ग्रामीणों ने फूल-माला और आरती के साथ भव्य स्वागत किया। इस दौरान स्कूली बच्चे, विशेषकर 10वीं और 12वीं कक्षा के टॉपर्स, उत्साह के साथ उनसे मिलने पहुंचे। इनमें बैगा समुदाय की कंगना बैगा सहित कई छात्र-छात्राओं ने अपनी शैक्षिक उपलब्धियां साझा कीं। सीएम ने बच्चों की सफलता की सराहना करते हुए कहा, “विशेष पिछड़ी जनजाति समूहों में शिक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ रही है। यह छत्तीसगढ़ के विकास की दिशा में एक सकारात्मक कदम है।” उन्होंने बच्चों को प्रोत्साहित करते हुए भविष्य में और बेहतर प्रदर्शन के लिए शुभकामनाएं दीं।
यह दौरा ‘सुशासन तिहार 2025’ के तहत आयोजित किया गया, जिसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी योजनाओं का जायजा लेना और जनता की समस्याओं को सुनना है। सीएम ने गांव में चौपाल लगाकर ग्रामीणों से सीधा संवाद किया और उनकी समस्याओं को सुना। उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी सुविधाओं को मजबूत करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई।
बैगा जनजाति, जो छत्तीसगढ़ की सबसे पुरानी और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध जनजातियों में से एक है, अब तक आधुनिक सुविधाओं से वंचित रही है। लेकिन हाल के वर्षों में शिक्षा और विकास योजनाओं के माध्यम से इस समुदाय में बदलाव देखने को मिल रहा है। सीएम साय ने कहा कि सरकार बैगा और अन्य आदिवासी समुदायों के उत्थान के लिए विशेष योजनाएं लागू कर रही है, ताकि वे मुख्यधारा से जुड़ सकें।
इस दौरे से न केवल माथमौर गांव के निवासियों में उत्साह का माहौल है, बल्कि यह आदिवासी क्षेत्रों में शिक्षा और विकास की नई उम्मीद भी जगाता है। सीएम के इस प्रयास को ग्रामीणों ने ‘जनता के बीच सरकार’ की मिसाल बताया।